Sting operation meaning in Hindi (स्टिंग ऑपरेशन) स्टिंग शब्द 1930 के अमेरिकन स्लेंग से निकलकर आया है जिसका अर्थ है, चोरी या धोखेबाजी की ऐसी क्रिया, जिसकी योजना पहले ही तैयार कर ली गई हो। 1970 के आस पास यह शब्द अमेरिकन उपयोग में आने लगा जिसका अर्थ था, पुलिस के द्वारा डिजाइन गुप्त ऑपरेशन्स जो किसी अपराधी को फंसाने के लिए किए जाते थे। धीरे-धीरे स्टिंग किसी अपराधी को पकड़ने के लिए जाल बिछाने का पर्याय बन गया। अपराधियों को धोखे में रखकर की जाने वाली इस क्रिया में कई प्रकार से काम किया जा सकता है। किसी ड्रग सप्लायर को पकड़ने के लिए अवैध दवाएं खरीदना, रिश्वतखोर को खास तरह की पेशकश या किसी वेश्या अथवा दलाल को पकड़ने के लिए ग्राहक बनाकर भेजना जैसे काम जो खुफिया पुलिस अपने मिशन के लिए करती थी मौजूदा दौर में अब यह पत्रकारिता ने अपना लिया है। आगे हम जानते हैं, स्टिंग ऑपरेशन किसे कहते हैं और स्टिंग में काम आने वाले गैजेट कौन कौन से हैं ?
स्टिंग ऑपरेशन में काम आने वाले कैमरेस्टिंग ऑपरेशन करने के लिए नीचे वर्णित गैजेट काम में लिए जा सकते हैं :-
1- बुक कैमरायह ऐसा कैमरा होता है जो किताब में आराम से फिट हो जाता है। यह इस तरह से बना होता है कि किताब को देखकर इसमें कैमरा लगा होने का पता भी नहीं चलता है। इसकी कीमत करीब 8 से 10 हजार रुपए के बीच होती है। बाजार में ऐसे कैमरे भी उपलब्ध हैं जो बटन, टाई आदि में फिट हो सकते हैं। इसके आलावा कॉफी मग, घड़ी, डायरी, टीवी, डीवीडी प्लेयर, टेबल लैंप आदि में फिट कैमरे भी बाजार में उपलब्ध होते हैं।
2- सी बिहाइंड यू सन ग्लासेसयह खास किस्म का चश्मा होता है जो देखने में तो साधारण चश्मे की तरह ही होता है, लेकिन इसे पहनकर आप अपने पीछे हो रही गतिविधियां भी देख सकते हैं ।
3- डिसअपीयरिंग इंक पेनयह एक कलम होती है जिसमें खास किस्म की स्याही का इस्तेमाल होता है। इस स्याही की खासियत यह है कि 48 घंटे बाद लिखावट अपने आप मिट जाती है।
4- रिवर्स पीप होल व्यूअरइस उपकरण को दरवाजे के पीप होल पर लगाकर बाहर से ही कमरे की गतिविधियों पर नजर रखी जा सकती है।
5- रेडियो कोवर्ट कैमराइससे किसी जगह के 500 फीट की दूरी तक के चित्र आसानी से लिए जा सकते हैं।
6- वायरलैस कलर ब्रूच कैमराइस कैमरे को कपड़ों में कोट पिन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
7- टेबल लैंप वायरलैस कैमराइस कैमरे को किसी लैंपशेड में आसानी से छिपाया जा सकता है। किसी का भी ध्यान इस ओर नहीं जाता है।
8- पेंसिल शार्पनर कैमराइलेक्ट्रिक पेंसिल शार्पनर में छिपे इस कैमरे को किसी भी जगह रखा जा सकता है।
9- एयरप्योरिफायर कोवर्ट कैमरापर्सनल एयर प्योरिफायर में लगा डिजिटल विडियो रिकॉर्डर होता है।
10- क्लोक कोवर्ट कैमराघड़ी में छिपे इस कैमरे में पॉकेट पीसी सॉफ्टवेयर के साथ रिमोट कंट्रोल, मल्टीमीडिया कार्ड और पावर एडेप्टर है।
11- फोलिएज बास्केट कैमराफ्लावर बास्केट में छिपा यह कैमरा दिखाई नहीं देता है।
12- पोर्टेबल वायरलैस बुक कैमराकिताब में लगा पिनहोल कैमरा है। कोवर्ट टाई कैमरा : इस कैमरे को टाई में पहना जा सकता है। जेकेट कोवर्ट कैमरा : छिपे हुए कैमरे की जैकेट हर साइज में मिलती है।
13- वाई फाई वाला गुप्त कैमराइस कैमरे का आकर बहुत छोटा होता है जिसे कहीं भी छिपा कर रखा जा सकता है ये कैमरा वाईफाई से लैस होता है।
स्टिंग ऑपरेशन में काम आने वाले अन्य गैजेट या उपकरणएक सफल और अच्छे स्टिंग आपरेशन के लिए कई अन्य प्रकार के गैजेट की जरूरत होती है जो नीचे वर्णित हैं –
1- बिग इयरइस गजेट से 400 फुट की दूरी से सब कुछ सुना जा सकता है। इसे वोईस रिकार्डर में प्लग किया जा सकता है।
2 – टॉकी पिक्चर्सयह एक साधारण सी दिखाई देने वाली फ्रेम्ड तस्वीर में लगा होता है जो माइक ब्रॉडकास्टिंग स्टेशन का काम करता है। इसकी तस्वीरें आपके बोले हुए हर शब्द को कैद कर लेंगी।
3- शुगर लंप माइकये छोटे उपकरण गुलदान, टीवी सेट, ऐसी , फर्ज , अलमारी में छिपा कर लगाए जा सकते हैं या किसी ऐसी अन्य जगह पर जासूसी के लिए छुपा कर लगाए जा सकते हैं ।
4- सिगरेट ट्रांसमीटर्ससिगरेट में लगे ट्रांसमीटर बातचीत को 1200 फीट की दूरी तक सुन सकते हैं।
5- बग्ड मैनस्नूपिंग करने वाले व्यक्ति की कमीज में एक छोटा वॉइस रिकॉर्डर हो सकता है जो घडी, टाई पिन या पेन के अंदर फिट होता है।
6- स्पाइकयह उपकरण 12 इंच का स्टील नेल है जिसे किसी छोटे माइक के साथ जोड़ा जा सकता है। इसे पाइप सिस्टम के जरिए चलाया जाता है। यह बेसमेंट से बेडरूम में कही गई हर बात को पिक कर लेता है।
7- लेजर बीममाइक्रोवेव, अल्ट्रासोनिक और लेजर बीम तकनीक के आने के बाद वायरटेप जैसी चीजों की जरूरत नहीं रह गई है। आप अपनी कार में बैठ कर या किसी अन्य स्थान में बैठकर किसी भी स्थान पर चल रही बातचीत को बड़े आराम से सुन सकते हैं।
8- पॉकेट वॉइस रिकॉर्डरइस उपकरण को आप बड़ी आसानी से अपनी जेब में डालकर किसी से बातचीत करते हुए , की गयी बातचीत को रिकार्ड कर सकते हैं । आज कल ये उपकरण मोबाइल में भी आता है।
9- डी बगिंग वायरलेस रिमोटइस गैजेट से आप छिपे हुए कैमरे या वॉइस रिकार्डर को बड़े आराम से कंट्रोल कर सकते हैं ।
10- बगयह एक रूपये के सिक्के के आकार का उपकरण होता है इससे कमरे में की गयी बातचीत की आवाज ट्रांसमीटर की मदद से 100 मीटर दूर तक सुनाई देती है ।
स्टिंग आपरेशन में काम आने वाले कोड वार्डसीक्रेट स्टिंग ऑपरेशन के लिए एक अलग प्रकार की खास भाषा भी काम में ली जाती है। उसके कुछ प्रचलित शब्द ( कोड वर्ड ) हैं –
एजेंटइंटेलिजेंट सर्विस द्वारा नियुक्त किया गया व्यक्ति।
बेबीसिटरबेबीसिटर को बॉडीगार्ड कहते हैं ।
बैगमैनएक एजेंट जो जासूसों या अधिकारियों को घूस देता है।
बैंग एंड बर्नइसका अर्थ ऑपरेशन का विनाश होता है ।
बलोनकिसी एजेंट की वास्तविक पहचान का पता लगाना या उसकी गुप्त गतिविधि का उद्देश्य मालूम करना ही बलोन कहलाता है।
ब्रिज एजेंटवह व्यक्ति जो केस ऑफिसर से किसी वर्जित क्षेत्र में एजेंट तक पहुंचता है ब्रिज एजेंट कहलाता है ।
ब्रश पासएक छोटी मुठभेड़ में जब केस ऑफिसर और एजेंट किसी चीज को एक दूसरे तक पहुंचाते हैं तो उसे ब्रश पास हटे हैं।
कोडधोखा देने के लिए किसी भी मैसेज में इसके शब्दों को पलट देना कोड कहलाता है।
कोडबुकसाधारण भाषा के शब्दों की एक लिस्ट जो अपने कोड शब्दों के विपरीत होती है।
फ्लोटरवह व्यक्ति जिसका उपयोग एक बार इंटेलिजेंस ऑपरेशन में किया जाता है।
हॉस्पिटलजेल के लिए बोली जाने वाली रशियन स्लेंग।
इंफिल्ट्रेशनकिसी टार्गेट एरिया में चलाया जाने वाले सीक्रेट मूवमेंट जिसमें ऑपरेशन करने वाला व्यक्ति खासतौर पर सतर्क रहता है कि उसकी उपस्थिति का वहां जरा भी आभास नहीं होगा।
पॉकेट लीटरजासूस की जेब में छिपे आइटम जो उसकी पहचान को पुख्ता बनाते हैं।
शूः झूठा पासपोर्ट या वीजाट्रेडक्राफ्ट इंटेलिजेस ऑपरेटिव्स के द्वारा विकसित ऑपरेशन संचालन के तरीके।
स्टिंग ऑपरेशन को पकड़ने वाले गैजेट ( उपकरण )आप नीचे वर्णित उपकरणों की मदद से किसी होने वाले स्टिंग ऑपरेशन को बड़ी आसानी से रोक सकते हैं –
एडवांस्ड फोन टेप डिटेक्टरइस उपकरण के जरिए कहीं से किसी भी तरीके से की जा रही फोन टेपिंग का पता चल जाता है। टेलीफोन टेप होने की स्थिति में तत्काल यह उपकरण संकेत देने लगता है। इसकी कीमत करीब 15 से 20 हजार रुपए तक होती है।
टेली-डाटा गार्ड टेप डिटेक्टरयह उपकरण टेलीफोन टेप किए जाने की स्थिति में आगाह करता है। किसी टेलीफोन के समानांतर दी गई लाइन पर टेलीफोन उठाते ही यह उपकरण संकेत देने लगता है।
बग डिटेक्टरयह उपकरण खुफिया कैमरों की गतिविधियों को पकड़ता है। खुफिया कैमरे के दायरे में आपके आते ही इस उपकरण के सिग्नल सक्रिय हो जाते हैं । बग डिटेक्टर को पूरे कमरे या फिर पूरे घर या ऑफिस में खुफिया कैमरों की निगरानी के लिए लगाया जा सकता है।
रेडियो फ्रीक्वेंसी डिटेक्टरयह डिटेक्टर अनालॉग या डिजिटल रेडियो फ्रीक्वेंसी का पता लगाने की नवीनतम तकनीक पर आधारित है। इसकी कीमत करीब 20 हजार रुपए के आस पास होती है।
ऑडियो जैमरइस उपकरण के जरिए कमरे में होने वाली बातचीत को माइक्रोफोन द्वारा कैच करने से रोका जाता है। इसके इस्तेमाल से बातचीत रिकॉर्ड करना संभव ही नहीं हो पाता। इसकी कीमत करीब 10- 12 हजार रुपए होती है।
कुछ ख़ास तरह के स्टिंग आपरेशनआगे हम कुछ हास तरह के स्टिंग आपरेशन के बारे में बात करते हैं – (स्टिंग ऑपरेशन किसे कहते हैं और स्टिंग में काम आने वाले गैजेट )
कास्टिंग काउच2005 में इंडिया टीवी द्वारा बॉलीवुड में चलाया गया शक्ति कपूर का चर्चित स्टिंग ऑपरेशन ‘कास्टिंग काउच’ आपको याद हो ही गया होगा। कास्टिंग काउच में यूरोपियन खुफिया विभाग के हनी ट्रेप स्टिंग ऑपरेशन की तकनीक का इस्तेमाल हुआ था। हनी ट्रेप में आपराधिक और अनैतिक काम करने वालों को धोखे से स्वयं को पुलिस संगठन के हवाले करने का प्रलोभन दिया जाता है। जहां पर स्टिंग ऑपरेशन का लक्ष्य कोई संदिग्ध व्यक्ति होता है और उसे किसी विशिष्ट अपराध की स्वीकृति करते हुए पकड़ने के लिए जाल बिछाया जाता है। जासूसी भाषा में हनी ट्रेप का इस्तेमाल सोवियत और इस्टर्न यूरोपियन इंटेलिजेंस सर्विसेज के द्वारा किया जाता रहा है, जिसमें महिलाएं व्यापारियों और अधिकारियों के अवैध संबंधों को उजागर करने में मदद करती थीं। इसका सबसे प्रसिद्ध मामला है जब 1980 में यूएस मैराइन कार्प सार्जेंट क्लेटॉन जे. लोनट्री एक महिला सोवियत अधिकारी के द्वारा पकड़े गए थे।
एबस्केमएबस्केम 1980 का यूएस स्कैंडल है। एफबीआई द्वारा चलाया गया स्टिंग ऑपरेशन जिसे कांग्रेस के सदस्यों को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ने के लिए किया गया था। एफबीआई ने 1978 में अब्दुल एंटरप्राइजेज लिमिटेड नाम की कंपनी बनाई। अपने कर्मचारियों को उसमें मिडिल ईस्टर्न बिजनेसमैन के रूप में नियुक्त किया, जहां सरकारी अधिकारियों से उनकी बातचीत वीडियोटेप में रिकार्ड की गई। अधिकारियों को एक काल्पनिक शेख के राजनीतिक समर्थन के लिए पैसा दिए जाने का प्रस्ताव रखा गया। इस प्रकरण में मेल्विन वेनबर्ग नाम के एक कॉन आर्टिस्ट ने भूमिका निभाई जिसे एफबीआई ने किराए पर लिया था। कॉन आर्टिस्ट ही किसी भी व्यक्ति को आर्थिक फायदे या फिर अन्य फायदों के लिए बहकाते हैं। फंसने वाले व्यक्ति मार्क के नाम से जाने जाते हैं। ‘एबस्केम’ एफबीआई के द्वारा किया जाने वाला बड़ा ऑपरेशन था, जिसमें हैरीसन ए विलियम्स, जॉन जेनरेट, रिचर्ड कैली, रेमंड लेडरर, जैसे अनेक वरिष्ठ पकड़े गए। एफबीआई पर भी एनट्रेपमेंट का आरोप लगा। इस केस का रोचक पहलू था। जहां एक एक करके बड़े नेताओं की पोल खुल रही थी, वहीं इसमें यूएस सीनेटर लैरी प्रेसलर साफ बच निकले। ऑपरेशन के दौरान उन्हें भी रिश्वत देने की कोशिश की गई थी लेकिन लैरी ने रिश्वत लेने से साफ इंकार कर दिया। इस एबस्केम मॉडल से पूरे यूरोप में 1980 के दौरान कई तरह के इन्वेस्टीगेशन हुए।
कॉप्स इन शॉप्सयह अमेरिका में एल्कोहल कानून प्रवर्तन प्रोग्राम है, जिसका उद्देश्य 21 साल से कम उम्र के लोगों में शराब की प्रवृति को कम करना है। साधारण वेशभूषा में पुलिस अधिकारी शराब की दुकानों पर तैनात होते हैं ताकि धोखे से युवाओं को पकड़ा जा सके।
ऑपरेशन पिनऑपरेशनपिन एफ बीआई, इंटरपोल , रॉयल केनेडियन पुलिस और आस्ट्रेलियन हाई टेक क्राइम सेंटर द्वारा तैयार किया गया है, जिसका उद्देश्य चाइल्ड पोर्नोग्राफी में लिप्त लोगों के काले कारनामों को उजागर करना था। इस ऑपरेशन में ऐसी वेबसाइटों की रचना और संचालन शामिल था जो अवैध तस्वीरों का बहकावा देती थी। उन्हें इस तरह से डिजाइन किया गया था ताकि ज्यादा से ज्यादा अपराधियों को इस बहकावे में फंसाया जा सके। वेबसाइटों के इस नेटवर्क को हनीपॉट कहा जाता था।
बेट कारबेट कार का उपयोग वाहन चोरों के लिए किया जाता है। इस ऑपरेशन में उपयोग होने वाली कार को बेट कार कहा जाता है। इस वाहन की विशेषता होती है कि उसमें बुलेट प्रूफ ग्लास, वीडियो कैमरा जिनमें आँडियो, टाइम और तारीख रिकार्ड हो जाते हैं और इंजन को खराब करने व दरवाजों को रिमोट के साथ लॉक करने की क्षमता होती है। बेट कार दरअसल वाहन चोरों को प्रलोभन देकर पकड़ने का तरीका है।
एजेंट प्रोवोकेटरएजेंट प्रोवोकेटर एक ऐसा व्यक्ति होता है जो हिंसा, वाद-विवाद, बहस या अन्य अराजक माहौल बनाने का काम करता है। दरअसल यह व्यक्ति खुफिया विभाग या पुलिस का आदमी होता है जो अपराध में लिप्त होकर आपराधियों की जड़ों तक पहुंचने का काम करता है। इन प्रोवोकेटरों का काम स्टिंग ऑपरेशन के तहत आता है।
इलेक्ट्रॉनिक स्नूपिंगइलेक्ट्रॉनिक स्नूपिंग का इस्तेमाल सरकारी एजेंसियां अपराधियों को पकड़ने के लिए करती हैं लेकिन बड़ी संख्या में लोग बग्स और वायरटेप का इस्तेमाल अपने निजी फायदों के लिए भी करते हैं। इलेक्ट्रॉनिक स्नूपिंग के जरिए आपकी बातचीत आपसे चुराई जा सकती है। जिस किसी से आप मिलने जा रहे हों, हो सकता है उसने बॉडी माइक पहन रखा हो। या अपने बीफ्रकेस में छिपा हुआ रिकार्डर रख रखा हो और फिर उस बातचीत को सार्वजनिक किया जा सकता है। ऐसा आपके अपने वकील, बैंक, या सरकारी एजेंसियों से की गई बातचीत का खुलासा किया जाने के लिए किया जा सकता है।
रेडिमेड स्टिंग ऑपरेशनसमाचार की दुनिया में रेडिमेड स्टिंग ऑपरेशन की खरीद-फरोख्त की परिपाटी भी शुरू हुई है। बने-बनाए माल ने बड़े समाचार संगठनों को काफी लुभाया है। शुरुआत में जहां समाचार पत्र या चैनल स्वयं स्टिंग ऑपरेशन को अंजाम देते थे, वहां आजकल बड़े समाचार चैनल पैसे के बलबूते पर स्टिंग क्लिपिंग की बोलियां लगाने लगे हैं। आजकल वेबसाइट, छोटे-छोटे स्थानीय समाचार चैनल और अखबार और कुछ एंटरप्राइज जर्नलिस्ट व्यक्तिगत फंड से स्टिंग ऑपरेशन चलाते हैं। जब उन्हें किसी बड़े मुद्दे और व्यक्तित्व को इस ऑपरेशन से कैमरे में कैद करने में सफलता मिल जाती है तो वे बड़े मीडिया ग्रुप को अपनी कहानी और सबूत अच्छे दामों पर बेच देते हैं। चर्चा यह भी थी कि कोबरा पोस्ट के संपादक अनिरुद्ध बहल द्वारा तैयार किए गए स्टिंग ऑपरेशन दुर्योधन को खरीदने के लिए कई बड़े समाचार चैनलों ने लाखों की रकम ऑफर की गयी थी। सर्वाधिक चर्चित रहा यह ऑपरेशन लोगों ने ‘आजतक’ चैनल पर देखा था ।
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( स्टिंग ऑपरेशन किसे कहते हैं और स्टिंग में काम आने वाले गैजेट)